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क्रोहन रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस: लक्षण, कारण और उपचार | सन्तोष अस्पताल की विशेषज्ञ जानकारी

Best Hospital In India - Santosh Hospital
12 December 2025 | Santosh Hospitals

दुनियाभर में लाखों लोग Inflammatory Bowel Disease (IBD) से प्रभावित होते हैं। इसमें मुख्य रूप से दो स्थितियाँ शामिल हैं Crohn’s Disease (क्रोहन रोग) और Ulcerative Colitis (अल्सरेटिव कोलाइटिस)। दोनों ही स्थितियाँ पाचन तंत्र में लगातार सूजन पैदा करती हैं और इनके लक्षण कई बार एक जैसे लगते हैं—जैसे पेट दर्द, दस्त, थकान, वजन कम होना आदि। लेकिन इनके बीच अंतर समझना सही निदान और प्रभावी उपचार के लिए अत्यंत आवश्यक है।
सन्तोष अस्पताल, गाज़ियाबाद में हमारा उद्देश्य है कि हर मरीज को सटीक निदान, आधुनिक जांच और व्यक्तिगत उपचार योजना प्रदान की जाए, जिससे उसकी जीवन की गुणवत्ता बेहतर हो सके।

क्रोहन रोग क्या है?

क्रोहन रोग एक दीर्घकालिक (chronic) सूजन संबंधी बीमारी है जो पाचन तंत्र के किसी भी हिस्से—मुँह से लेकर गुदा तक—को प्रभावित कर सकती है। अधिकतर मामलों में यह छोटी आंत (small intestine) और कोलन को प्रभावित करती है।

क्रोहन रोग की प्रमुख विशेषताएँ

  • पैची इंफ्लेमेशन (Skip Lesions): प्रभावित भागों के बीच स्वस्थ भाग दिखाई देते हैं।
  • गहरी सूजन: सूजन आंत की सभी परतों तक फैल सकती है।
  • जटिलताएँ: फिस्टुला (आंतों के बीच असामान्य मार्ग), स्ट्रिक्चर (आंतों में संकुचन), कुपोषण और संक्रमण।

सामान्य लक्षण

  • लगातार दस्त
  • पेट में ऐंठन और दर्द (अक्सर पेट के दाएँ निचले हिस्से में)
  • अचानक वजन कम होना
  • अत्यधिक थकान
  • मुँह में छाले

अल्सरेटिव कोलाइटिस क्या है?

अल्सरेटिव कोलाइटिस में सूजन केवल कोलन (बड़ी आंत) और रेक्टम तक सीमित रहती है। यह केवल आंत की अंदरूनी परत (mucosa) को प्रभावित करती है और इसमें सूजन लगातार होती है—यानी प्रभावित हिस्सा एक-दूसरे से जुड़ा होता है।

अल्सरेटिव कोलाइटिस की प्रमुख विशेषताएँ

  • लगातार फैलती सूजन: रेक्टम से शुरू होकर ऊपर की ओर बढ़ती है।
  • उथली अल्सर: कोलन की सतह पर घाव, जिससे खून या पस बन सकती है।
  • मुख्य जटिलताएँ: गंभीर खून बहना, टॉक्सिक मेगाकोलन और कोलन कैंसर का बढ़ा जोखिम।

सामान्य लक्षण

  • खून और म्यूकस के साथ दस्त
  • बार–बार मल त्याग की इच्छा
  • गुदा में दर्द
  • टेनेस्मस (मल त्याग के बाद भी अधूरापन महसूस होना)
  • खून की कमी (एनीमिया)

IBD होने के कारण और जोखिम कारक

IBD का सटीक कारण अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है, लेकिन शोधों के आधार पर कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:

1. आनुवंशिक कारण (Genetics)

10–25% मरीजों के परिवार में पहले से यह बीमारी पाई जाती है।

2. प्रतिरक्षा प्रणाली का असंतुलन (Immune Dysfunction)

शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से आंतों में मौजूद सामान्य बैक्टीरिया पर हमला करना शुरू कर देती है।

3. पर्यावरणीय कारण (Environmental Triggers)

  • धूम्रपान (क्रोहन रोग का खतरा बढ़ाता है)
  • अधिक तनाव
  • असंतुलित आहार
  • NSAIDs का अधिक उपयोग

4. आंतों के माइक्रोबायोम का बिगड़ना

आंतों में बैक्टीरिया की विविधता कम होना भी एक कारण माना जाता है।

 

IBD का निदान कैसे होता है? | Santosh Hospital में उपलब्ध आधुनिक जांचें

Santosh Hospital, Ghaziabad में IBD के सटीक निदान के लिए उन्नत जांच सुविधाएँ उपलब्ध हैं:

1. कोलोनोस्कोपी बायोप्सी

IBD की पुष्टि और Crohn’s/UC में अंतर करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण जांच।

2. MRI / CT स्कैन

आंतों की गहराई में फैली सूजन और जटिलताओं का पता चलता है।

3. कैप्सूल एंडोस्कोपी

छोटी आंत की विस्तृत जांच, खासकर क्रोहन रोग में बहुत उपयोगी।

4. रक्त और मल परीक्षण

  • एनीमिया
  • संक्रमण
  • CRP और Calprotectin जैसे सूजन संकेतक

 

उपचार विकल्प | Santosh Hospital की विशेषज्ञ टीम द्वारा प्रदान किए जाने वाले इलाज

IBD का अभी तक कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसकी सूजन को नियंत्रित कर मरीज को सामान्य और गुणवत्तापूर्ण जीवन दिया जा सकता है। Santosh Hospital में उपचार प्रत्येक मरीज की स्थिति के अनुसार डिजाइन किया जाता है।

1. दवाइयाँ

  • Anti-inflammatory दवाएँ: हल्के UC मामलों में असरदार
  • Immunosuppressants: आज़ाथायोप्रिन, मेथोट्रेक्सेट
  • Biologics: Infliximab जैसी उन्नत दवाएँ जो प्रतिरक्षा प्रणाली के विशेष मार्गों को नियंत्रित करती हैं
  • Steroids: तीव्र लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए

2. सर्जरी

  • क्रोहन रोग: संकुचित हिस्सों का विस्तार (Strictureplasty) या प्रभावित भाग को हटाना।
  • अल्सरेटिव कोलाइटिस: Colectomy (कोलन हटाना) कई बार बीमारी का स्थायी समाधान बन सकता है।

3. आहार और जीवनशैली सलाह

संतोष अस्पताल के डाइटीशियन द्वारा व्यक्तिगत डाइट प्लान तैयार किया जाता है।

क्रोहन रोग में:

  • लो-रेजिड्यू डाइट
  • दूध, हाई-फाइबर या ट्रिगर फूड्स से बचाव

अल्सरेटिव कोलाइटिस में:

  • ओमेगा-3 युक्त भोजन
  • शराब और मसालेदार भोजन से बचाव

 

निष्कर्ष | Santosh Hospital का संदेश

क्रोहन रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस जीवनभर चलने वाली स्थितियाँ हैं, लेकिन सही समय पर पहचान, नियमित निगरानी और आधुनिक उपचार से मरीज सामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। Santosh Hospital में हमारी अनुभवी गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी टीम नवीनतम इलाज, उन्नत डायग्नोस्टिक सुविधाएँ और व्यक्तिगत केयर प्रदान करने के लिए समर्पित है।

यदि आपको लंबे समय से दस्त, पेट दर्द, वजन घटने या खून आने जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो देरी न करें।
Santosh Hospital के विशेषज्ञ गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट से तुरंत संपर्क करें—शुरुआती उपचार से जटिलताओं को रोका जा सकता है।

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